Lyrics

इकलौता दिल मेरा तुझ पे ही क़ुरबाँ हुआ
हक़ीक़त है या कोई है वहमी दास्ताँ?
सोहबत में तेरी गुज़ारूँ शाम-ओ-सुबह
दिलकश रहे ज़िंदगी, है बस यही इक दुआ
सुन लो ना
लफ़्ज़ कम से हो गए, हाज़िर जो तुम हो यहाँ
दिल राज़ी है आने को तेरे ही गुलिस्ताँ
हम-तुम जो संग रहें, क़ायम रहें ख़ुशियाँ
धागे मैं ये जोड़ दूँ और गवाह हो ये दुनिया
तुम जो मिले तो पता मिल गया लापता बरसात का
ये बूँदें हैं जैसे देने लगे जवाब वो हर बात का
भीगे उन कुल्फ़तों के भीड़ से तुम क़ुर्बतें ये चुन लो ना, हाँ
सुन लो ना
सुन लो ना
सुन लो ना
Written by: Sujan Sinha
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