Upcoming Concerts for Pritam, Raghav Chaitanya, Shilpa Rao, Ghalib & Sandeep Shrivastava

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PERFORMING ARTISTS
Pritam
Pritam
Performer
Raghav Chaitanya
Raghav Chaitanya
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Shilpa Rao
Shilpa Rao
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Ghalib
Ghalib
Performer
Sandeep Shrivastava
Sandeep Shrivastava
Performer
COMPOSITION & LYRICS
Pritam
Pritam
Composer
Ghalib
Ghalib
Lyrics
Sandeep Shrivastava
Sandeep Shrivastava
Lyrics

Lyrics

आह को चाहिए इक उम्र असर होते तक
कौन जीता है तेरी ज़ुल्फ़ के सर होते तक
दाम-ए-हर-मौज में है हल्क़ा-ए-सद-काम-ए-नहंग
देखें क्या गुज़रे है क़तरे पे गुहर होते तक
आसमाँ रुका, रुकी ज़मीं, इक सुबह होते तक
जैसे हम रुके, रुको ज़रा, तुम सुलह होते तक
साथ हम तेरे जिए-मरे, फ़ासला होते तक
निस्बतों का क्या कहो करें फ़ैसला होते तक
कहीं ज़िंदगी जो मुड़े राह में तो मुड़ने देना
कहीं का सिरा अगर जुड़े जब कहीं तो जुड़ने देना
छुपी सी ही है रोशनी, सवाल में जवाब के क्यों डरना
क़दम ब क़दम हम जिए और मरे क्या से क्या होते तक
आसमाँ रुका, रुकी ज़मीं, इक सुबह होते तक
जैसे हम रुके, रुको ज़रा, तुम सुलह होते तक
साथ हम तेरे जिए-मरे, फ़ासला होते तक
निस्बतों का क्या कहो करें फ़ैसला होते तक
आसमाँ रुका, रुकी ज़मीं, इक सुबह होते तक
जैसे हम रुके, रुको ज़रा, तुम सुलह होते तक
साथ हम तेरे जिए-मरे, फ़ासला होते तक
निस्बतों का क्या कहो करें फ़ैसला होते तक
आसमाँ रुका, रुकी ज़मीं, इक सुबह होते तक
जैसे हम रुके, रुको ज़रा, तुम सुलह होते तक
साथ हम तेरे जिए-मरे, फ़ासला होते तक
निस्बतों का क्या कहो करें फ़ैसला होते तक
Written by: Ghalib, Pritam, Sandeep Shrivastava
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