Lyrics

तेरी मुरली की धुन सुन के
राधा रानी नाच पड़ी
सुध ख़ोई जोगन बन के
नंगे ही पांवों दौड़ पड़ी
बंसी मधुर बजाय कान्हा
तो मन में उठी तरंग
तन में मन में तुझको देखूँ
मैं रंगी तेरे रंग
मेरा जी ना लगे घर में
तो मिलने दौड़ पड़ी
जादू कैसा कर दिया तूने
मिले कहीं न अब चैन
नाम तेरा ही लिख दिया मन में
देखूँ तुझे दिन रैन
मटकी तो सर पे धरी और मिलने दौड़ पड़ी
बातें गाँव में हो गई घर घर
कांपी राधा डर से थर थर
तुम हो बड़े ही नटखट गिरधर
मैं ,मैं न रही अब तुमसे मिलकर
हुई तेरी तो शर्म गई
बस मिलने दौड़ पड़ी
Written by: Poonam Thakkar
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