Top Songs By Devendra Pathak
Similar Songs
Credits
PERFORMING ARTISTS
Devendra Pathak
Lead Vocals
COMPOSITION & LYRICS
Devendra Pathak
Songwriter
PRODUCTION & ENGINEERING
Kailash Kumar Shrivastav
Producer
Lyrics
(आ-आ)
(आ-आ)
(आ-आ-आ-आ, आ-आ-आ-आ)
(आ-आ-आ-आ-आ)
रचा है सृष्टि को जिस प्रभु ने, वही ये सृष्टि चला रहे हैं
रचा हैं सृष्टि को जिस प्रभु ने, वही ये सृष्टि चला रहे हैं
जो पेड़ हमने लगाया पहले, जो पेड़ हमने लगाया पहले
उसी का फ़ल हम अब पा रहे हैं
रचा है सृष्टि को जिस प्रभु ने, वही ये सृष्टि चला रहे हैं
(रचा है सृष्टि को जिस प्रभु ने, वही ये सृष्टि चला रहे हैं)
(हा-आ-आ)
(हा-आ-आ)
(आ-आ-आ)
इसी धरा से शरीर पाए, इसी धरा में फिर सब समाए
इसी धरा से शरीर पाए, इसी धरा में फिर सब समाए
है सत्य नियम यही धरा का, है सत्य नियम यही धरा का
एक आ रहे हैं, एक जा रहे हैं
रचा है सृष्टि को जिस प्रभु ने, वही ये सृष्टि चला रहे हैं
(रचा है सृष्टि को जिस प्रभु ने, वही ये सृष्टि चला रहे हैं)
(आ-आ)
(आ-आ)
(आ-आ-आ-आ, आ-आ-आ-आ)
(आ-आ-आ-आ-आ)
जिन्होनें भेजा जगत में जाना, तय कर दिया लौट के फ़िर से आना
जिन्होनें भेजा जगत में जाना, तय कर दिया लौट के फ़िर से आना
जो भेजने वाले हैं यहाँ पे, जो भेजने वाले हैं यहाँ पे
वही फ़िर वापस बुला रहे हैं
रचा है सृष्टि को जिस प्रभु ने, वही ये सृष्टि चला रहे हैं
(रचा है सृष्टि को जिस प्रभु ने, वही ये सृष्टि चला रहे हैं)
(हा-आ-आ)
(हा-आ-आ)
(आ-आ-आ)
बैठें हैं जो धान की बालियों में, समाए मेहँदी की लालियों में
बैठें हैं जो धान की बालियों में, समाए मेहँदी की लालियों में
हर डाल, हर पत्ते में समाकर, हर डाल, हर पत्ते में समाकर
गुल रंग-बिरंगे खिला रहे हैं
रचा है सृष्टि को जिस प्रभु ने, वही ये सृष्टि चला रहे हैं
(रचा है सृष्टि को जिस प्रभु ने, वही ये सृष्टि चला रहे हैं)
रचा है सृष्टि को जिस प्रभु ने, वही ये सृष्टि चला रहे हैं
Written by: Live