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Aye Meri Mohabbat Sun Main Ye Mashwara Doonga - Mohd Aziz Song | @WingsMusic
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Credits

PERFORMING ARTISTS
Mohammed Aziz
Mohammed Aziz
Performer
COMPOSITION & LYRICS
Milind Saagar
Milind Saagar
Composer
Faaiz Anwar
Faaiz Anwar
Lyrics

Lyrics

ज़हर-ए-तनहाई तेरे इश्क़ में हम पीते हैं
जब से नाक़ाम हुए चाक जिगर सीते हैं
ये तो कहने की हैं बातें के नहीं जी सकते
कौन मरता है, मोहब्बत में सभी जीते हैं
ऐ, मेरी मोहब्बत सुन, मैं ये मशवरा दूँगा
ऐ, मेरी मोहब्बत सुन, मैं ये मशवरा दूँगा
तू मुझे भुला देना, तू मुझे भुला देना
तू मुझे भुला देना, मैं तुझे भुला दूँगा
ऐ, मेरी मोहब्बत सुन मैं ये मशवरा दूँगा
मिट चुकी हैं उम्मीदें फूल दिल में खिलने की
आख़री घड़ी आई आज तुझ से मिलने की
याद कर के तू मुझ को आँख नम नहीं करना
देख इस जुदाई का कोई ग़म नहीं करना
सिलसिले तो बनते हैं, बनके टूट जाते हैं
(बनके टूट जाते हैं)
ज़िंदगी में ये लम्हें सब को आज़माते हैं
(सब को आज़माते हैं)
हम से पहले बिछड़े हैं और भी ज़माने में
(और भी ज़माने में)
और भी तो शामिल है ग़म के इस फ़साने में
(ग़म के इस फ़साने में)
ये तो रस्म-ए-दुनिया हैं, ऐसा होता रहता है
हर क़दम पे मैं तुझ को बस यही सदा दूँगा
तू मुझे भुला देना, तू मुझे भुला देना
तू मुझे भुला देना, मैं तुझे भुला दूँगा
ऐ, मेरी मोहब्बत सुन मैं ये मशवरा दूँगा
लिख दिया जो क़ीस्मत ने वो ही फ़ासला है ये
ना कोई शिक़ायत है, ना कोई गिला है ये
रस्मों के लिए अपनी क़स्में टूट जाने दे
अब तो ये ही बेहतर है साथ छूट जाने दे
मिल गया जो अब तुझ को, मेहरबाँ मुबारक हो
(मेहरबाँ मुबारक हो)
तुझ को अपने ख़ुशियों का ये समाँ मुबारक हो
(ये समाँ मुबारक हो)
देख तेरे अपनों का फ़ैसला ये अच्छा है
(फ़ैसला ये अच्छा है)
हाँ, नई बहारों का सिलसिला ये अच्छा है
(सिलसिला ये अच्छा है)
बिखरे हैं मेरे सपने, टूटा है ये दिल मेरा
हाँ, टूटे दिल से मैं फिर भी अब तुझे दुआ दूँगा
तू मुझे भुला देना, तू मुझे भुला देना
तू मुझे भुला देना, मैं तुझे भुला दूँगा
ऐ, मेरी मोहब्बत सुन मैं ये मशवरा दूँगा
अब मैं तुझ से मिलने की आरज़ू बदल दूँगा
जज़्बों को दबा लूँगा, हसरतें कुचल दूँगा
कोई तो समाँ होगा ज़ख्म-ए-दिल ये सीने का
हौसला ना छोड़ूँगा अब मैं अपने जीने का
मैं तेरी वफ़ाओं को दिल्लगी समझ लूँगा
(दिल्लगी समझ लूँगा)
मेरे हमसफ़र तुझ को अजनबी समझ लूँगा
(अजनबी समझ लूँगा)
तू मेरा तसव्वुर भी अपने पास मत रखना
(अपने पास मत रखना)
ज़िंदगी में अब मुझ से कोई आस मत रखना
(कोई आस मत रखना)
मुस्कराए तू हर दम, बस ये है दुआ मेरी
तुझ से दिल लगाने की ख़ुद को मैं सज़ा दूँगा
तू मुझे भुला देना, तू मुझे भुला देना
तू मुझे भुला देना, मैं तुझे भुला दूँगा
ऐ, मेरी मोहब्बत सुन मैं ये मशवरा दूँगा
ऐ, मेरी मोहब्बत सुन मैं ये मशवरा दूँगा
तू मुझे भुला देना, तू मुझे भुला देना
तू मुझे भुला देना, मैं तुझे भुला दूँगा
ऐ, मेरी मोहब्बत सुन मैं ये मशवरा दूँगा
ऐ, मेरी मोहब्बत सुन मैं ये मशवरा दूँगा
Written by: Faaiz Anwar, Faiz Anwar Qureshi, Milind Saagar
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