Credits
PERFORMING ARTISTS
Jojo
Performer
Ujwal
Performer
COMPOSITION & LYRICS
Imran-Vikram
Composer
Sandeep Singh
Lyrics
Lyrics
खौल-खौल के सीने में बहता है जो lava बनके
वो रक्त है, सशक्त है
त्राही-त्राही जिसने मचायी, कहता इतिहास गवाह बनके
वो रक्त है, सर्वत्र है
पाप-पुण्य की क्या परिभा
क्रोध जाने प्रतिशोध की भाषा
आज के भारत की महाभारत में डूबा कुरुक्षेत्र है
रक्त चरित्र है
रक्त चरित्र है
रक्त चरित्र है
रक्त चरित्र है
रक्त चरित्र रक्त
रक्त चरित्र रक्त
रक्त चरित्र रक्त
रक्त चरित्र रक्त
रक्त चरित्र रक्त
रक्त चरित्र रक्त
रक्त चरित्र रक्त
रक्त चरित्र रक्त
रक्त चरित्र रक्त
रक्त चरित्र रक्त
रक्त चरित्र रक्त
रक्त चरित्र रक्त
रक्त चरित्र रक्त
रक्त चरित्र रक्त
रक्त चरित्र रक्त
रक्त चरित्र रक्त
लतपत कर दे रणभूमि को, ये तलवार की तेज से
कहीं सिर चढ़ता राज तिलक, कहीं जलती मृत्यु सेज पे
कहीं कुर्बानी, कहीं बलिदानी, देकर माया मुक्त है
सदियाँ बीती, युग-युग बीते, ना बदला वो रक्त है
एक ही रंग रग-रग में बहता
फिर भी भेदभाव है सहता
जुड़ा है इससे हर इक रिश्ता, यही शत्रु यही मित्र है
रक्त चरित्र है
रक्त चरित्र है
रक्त चरित्र है
रक्त चरित्र है
बदले की आहुती में गिर के रक्त की भभूती
बन के अग्नि जल उठी, स्वाहा
है अखंड, है प्रचंड, बनके जब ये मृत्यु दंड
गिरता रक्त कुंड में है, स्वाहा
बदले की आहुती में गिर के रक्त की भभूती
बन के अग्नि जल उठी, स्वाहा
है अखंड, है प्रचंड, बनके जब ये मृत्यु दंड
गिरता रक्त कुंड में है, स्वाहा
प्राण में है रक्त चरित्र
ज्ञान में है रक्त चरित्र
शंख्य में है रक्त चरित्र
नाश में है रक्त चरित्र
शोक में है रक्त चरित्र
भोग में है रक्त चरित्र
सृष्टि में तो कुछ भी ना पवित्र है
रक्त चरित्र है
रक्त चरित्र है
रक्त चरित्र है
रक्त चरित्र है
रक्त चरित्र रक्त
रक्त चरित्र रक्त
रक्त चरित्र रक्त
रक्त चरित्र रक्त
रक्त चरित्र रक्त
रक्त चरित्र रक्त
रक्त चरित्र रक्त
रक्त चरित्र रक्त
रक्त चरित्र रक्त
रक्त चरित्र रक्त
रक्त चरित्र रक्त
रक्त चरित्र रक्त
रक्त चरित्र रक्त
रक्त चरित्र रक्त
रक्त चरित्र रक्त
रक्त चरित्र रक्त
Writer(s): Sandeep Singh
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