Vídeo de música

हनुमान चालीसा Hanuman Chalisa,Hindi English Lyrics,MAHENDRA KAPOOR,HD Video Song,Kalyug Aur Ramayan
Veja o vídeo de música de {trackName} de {artistName}

Destacado em

Créditos

PERFORMING ARTISTS
Mahendra Kapoor
Mahendra Kapoor
Performer
COMPOSITION & LYRICS
Bhushan Dua
Bhushan Dua
Composer

Letra

जय हनुमान ज्ञान गुन सागर जय कपीस तिहुं लोक उजागर राम दूत अतुलित बल धामा अंजनि-पुत्र पवनसुत नामा महाबीर बिक्रम बजरंगी कुमति निवार सुमति के संगी कंचन बरन बिराज सुबेसा कानन कुण्डल कुंचित केसा हाथ बज्र और ध्वजा बिराजै कांधे मूँज जनेउ साजे शंकर सुवन केसरी नंदन तेज प्रताप महा जग वंदन विद्यावान गुनी अति चातुर राम काज करिबे को आतुर प्रभु चरित्र सुनिबे को रसिया राम लखन सीता मन बसिया सूक्ष्म रूप धरि सियहिं दिखावा बिकट रूप धरि लंक जरावा भीम रूप धरि असुर संहारे रामचंद्र के काज संवारे लाय सजीवन लखन जियाये श्री रघुबीर हरषि उर लाये रघुपति कीन्ही बहुत बड़ाई तुम मम प्रिय भरतहि सम भाई सहस बदन तुम्हरो जस गावैं अस कहि श्रीपति कण्ठ लगावैं सनकादिक ब्रह्मादि मुनीसा नारद-सारद सहित अहीसा जम कुबेर दिगपाल जहाँ ते कबि कोबिद कहि सके कहाँ ते तुम उपकार सुग्रीवहिं कीन्हा राम मिलाय राज पद दीन्हा तुम्हरो मंत्र बिभीषन माना लंकेश्वर भए सब जग जाना जुग सहस्र जोजन पर भानू लील्यो ताहि मधुर फल जानू प्रभु मुद्रिका मेलि मुख माहीं जलधि लांघि गये अचरज नाहीं दुर्गम काज जगत के जेते सुगम अनुग्रह तुम्हरे तेते राम दुआरे तुम रखवारे होत न आज्ञा बिनु पैसारे सब सुख लहै तुम्हारी सरना तुम रक्षक काहू को डरना आपन तेज सम्हारो आपै तीनों लोक हांक तें कांपै भूत पिसाच निकट नहिं आवै महाबीर जब नाम सुनावै नासै रोग हरे सब पीरा जपत निरंतर हनुमत बीरा संकट तें हनुमान छुड़ावै मन क्रम वचन ध्यान जो लावै सब पर राम तपस्वी राजा तिन के काज सकल तुम साजा और मनोरथ जो कोई लावै तासु अमित जीवन फल पावै चारों जुग परताप तुम्हारा है परसिद्ध जगत उजियारा साधु-संत के तुम रखवारे असुर निकंदन राम दुलारे अष्ट सिद्धि नौ निधि के दाता अस वर दीन जानकी माता राम रसायन तुम्हरे पासा सदा रहो रघुपति के दासा तुम्हरे भजन राम को भावै जनम-जनम के दुख बिसरावै अन्तकाल रघुपति पुर जाई जहाँ जन्म हरि भक्त कहाई और देवता चित्त ना धरई हनुमत सेइ सर्ब सुख करई संकट कटै मिटै सब पीरा जो सुमिरै हनुमत बलबीरा जय-जय-जय हनुमान गोसाईं कृपा करहु गुरुदेव की नाईं ए सत बार पाठ कर जोई छूटहि बंदी महा सुख होई जो ये पढ़ै हनुमान चालीसा होए सिद्धि साखी गौरीसा तुलसीदास सदा हरि चेरा कीजै नाथ हृदय मंह डेरा पवन तनय संकट हरन, मंगल मूरति रूप राम, लखन, सीता सहित, हृदय बसहु सुर भूप हे, हे, श्री गुरु चरन सरोज रज, निज मनु मुकुरु सुधार हे, बरनऊं रघुबर बिमल जस, जो दायकु फल चारि हे, हे, बुद्धि हीन तनु जानिके, सुमिरौं पवन-कुमार बल, बुधि, बिद्या देहु मोहिं, हरहु कलेस बिकार, हरहु कलेस बिकार
Writer(s): Traditional Lyrics powered by www.musixmatch.com
instagramSharePathic_arrow_out