Lyrics
हक़दार तेरी हूँ, हर बार तेरी हूँ
अब लूँ जनम चाहे मैं १०० दफ़ा
मुझ से हज़ारों हैं, तुझ सा नहीं कोई
तुझ पे लुटा दूँ मैं ये ज़िंदगी बाक़ी
तू इश्क़ मेरा है, मैं प्यार तेरा हूँ
ता-ज़िंदगी तू रहेगा जुड़ा
तुझ में अब से मेरी दुनियाँ
बिन तेरे लमहा भी सदियाँ
Writer(s): Kunaal Vermaa, Mohsin, Javed
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