Lyrics

(ख़ामोशी में पुकार है)
(आहों का बज़ार है)
(तन्हा दिल बे-ज़ार है)
(आजा, हम इस पार हैं)
सेहरा में आई है शाम
डूबा दिन, करके सलाम
सर्द हवा का झोंका तेरे नाम
तलवारों को अपनी दे आराम
धरती के इस आँगन को खूँ से ना रंग दामन को
होना था जो, वो हो चुका
होता है ख़ुद वक़्त दवा, तीखी यादें भूल ही जा
अश्कों में डूबी है क्यूँ ये जाँ?
सूरज कल फिर आएगा
जीवन चलता जाएगा
पलने दे अरमाँ का जहाँ
क्यूँकि तू तन्हा ही नहीं है, संग तेरे हम
दिल की आँखों से देखे हैं तुझको, हमदम
हर लम्हा
मुझको दे आवाज़ें तू
जब भी चाहें, साथी, तू
जैसे परबत छलके सागर में
बाँटें तन्हाई हम साथ में
मुश्क़िल में आसानी है, तकलीफ़ों में राहत है
इनसे ही आगे निकल जा तू
अपने भी खोए तूने, आँसू भी पाए तूने
हिम्मत को मंज़िल देगा तू
क्यूँकि तू तन्हा ही नहीं है, संग तेरे हम
दिल की आँखों से देखे है तुझको, हमदम
हर लम्हा
ख़ामोशी में पुकार है
ख़ामोशी में पुकार है
आहों का बज़ार है
तन्हा दिल बे-ज़ार है
आजा, हम इस पार हैं
(ख़ामोशी में पुकार है)
(ख़ामोशी में पुकार है)
Written by: A. R. Rahman, Mehboob
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