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PERFORMING ARTISTS
Saloni Thakkar
Saloni Thakkar
Performer
COMPOSITION & LYRICS
Budhaditya Mukherjee
Budhaditya Mukherjee
Composer

Lyrics

राम को देखकर श्री जनक नंदिनी
बाग में जा खड़ी की खड़ी रह गई
राम को देखकर श्री जनक नंदिनी
राम को देखकर श्री जनक नंदिनी
बाग में जा खड़ी की खड़ी रह गई
राम को देखकर श्री जनक नंदिनी
राम को देखकर श्री जनक नंदिनी
बाग में जा खड़ी की खड़ी रह गई
राम देखें सिया, माँ सिया राम को
राम देखें सिया, माँ सिया राम को
चार अँखियाँ लड़ी की लड़ी रह गई
राम को देखकर श्री जनक नंदिनी
बाग में जा खड़ी की खड़ी रह गई
थे जनकपुर गए देखने के लिए
थे जनकपुर गए देखने के लिए
सारी सखियाँ झरोखन से झाँकन लगी
सारी सखियाँ झरोखन से झाँकन लगी
देखते ही नज़र मिल गई दोनों की
देखते ही नज़र मिल गई दोनों की
जो जहाँ थी खड़ी की खड़ी रह गई
राम को देखकर श्री जनक नंदिनी
बाग में जा खड़ी की खड़ी रह गई
बोली है इक सखी राम को देखकर
बोली है इक सखी राम को देखकर
"रच दिए हैं विधाता ने जोड़े सुघर"
"रच दिए हैं विधाता ने जोड़े सुघर"
पर धनुष कैसे तोड़ेंगे वारे कुँवर?
पर धनुष कैसे तोड़ेंगे वारे कुँवर?
सब में शंका बनी की बनी रह गई
राम को देखकर श्री जनक नंदिनी
बाग में जा खड़ी की खड़ी रह गई
बोली दूजी सखी छोट देखन में है
बोले दूजी सखी, "छोट देखन में है
पर चमत्कार इनका नहीं जानती"
पर चमत्कार इनका नहीं जानती
एक ही बाण में ताड़िका राक्षसी
एक ही बाण में ताड़िका राक्षसी
उठ सकी ना, पड़ी की पड़ी रह गई
राम को देखकर श्री जनक नंदिनी
बाग में जा खड़ी की खड़ी रह गई
Written by: Budhaditya Mukherjee
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