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Credits

PERFORMING ARTISTS
Sonu Nigam
Sonu Nigam
Performer
Alka Yagnik
Alka Yagnik
Performer
COMPOSITION & LYRICS
Anu Malik
Anu Malik
Composer
Javed Akhtar
Javed Akhtar
Songwriter

Lyrics

पंछी, नदियाँ, पवन के झोंके
कोई सरहद ना इन्हें रोके
पंछी, नदियाँ, पवन के झोंके
कोई सरहद ना इन्हें रोके
सरहदें इंसानों के लिए हैं
सोचो, तुमने और मैंने क्या पाया इंसाँ होके
पंछी, नदियाँ, पवन के झोंके
कोई सरहद ना इन्हें रोके
सरहदें इंसानों के लिए हैं
सोचो, तुमने और मैंने क्या पाया इंसाँ होके
जो हम दोनों पंछी होते
तैरते हम इस नील गगन में पंख पसारे
सारी धरती अपनी होती
अपने होते सारे नज़ारे
खुली फ़िज़ाओं में उड़ते, खुली फ़िज़ाओं में उड़ते
अपने दिलों में हम सारा प्यार समा के
पंछी, नदियाँ, पवन के झोंके
कोई सरहद ना इन्हें रोके
सरहदें इंसानों के लिए हैं
सोचो, तुमने और मैंने क्या पाया इंसाँ होके
जो मैं होती नदिया और तुम पवन के झोंके तो क्या होता?
ओ, जो मैं होती नदिया और तुम पवन के झोंके तो क्या होता?
पवन के झोंके नदी के तन को जब छूते हैं
पवन के झोंके नदी के तन को जब छूते हैं
लहरें ही लहरें बनती हैं, हम दोनों जो मिलते तो कुछ ऐसा होता
सब कहते, "ये लहर-लहर जहाँ भी जाएँ
इनको ना कोई टोके"
पंछी, नदियाँ, पवन के झोंके
कोई सरहद ना इन्हें रोके
सरहदें इंसानों के लिए हैं
सोचो, तुमने और मैंने क्या पाया इंसाँ होके
पंछी, नदियाँ, पवन के झोंके
कोई सरहद ना इन्हें रोके
Written by: Anu Malik, Javed Akhtar
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