Lyrics

प्यार हुआ इक़रार हुआ है प्यार से फिर क्यों डरता है दिल प्यार हुआ इक़रार हुआ है प्यार से फिर क्यों डरता है दिल कहता है दिल, रस्ता मुश्किल मालूम नहीं है कहाँ मंज़िल कहता है दिल, रस्ता मुश्किल मालूम नहीं है कहाँ मंज़िल प्यार हुआ इक़रार हुआ, प्यार से फिर क्यों डरता है दिल कहो की अपनी प्रीत का मीत ना बदलेगा कभी तुम भी कहो इस राह का मीत न बदलेगा कभी प्यार जो टूटा, साथ जो छूटा, चाँद न चमकेगा कभी प्यार हुआ इकरार हुआ, प्यार से फिर क्यों डरता है दिल कहता है दिल, रस्ता मुश्किल, मालूम नहीं है कहाँ मंज़िल रातें दसों दिशाओं से कहेंगी अपनी कहानियाँ गीत हमारे प्यार के दोहराएंगी जवानियाँ मैं न रहूँगी, तुम न रहोगे, फिर भी रहेंगी निशानियाँ प्यार हुआ इक़रार हुआ, प्यार से फिर क्यों डरता है दिल कहता है दिल, रस्ता मुश्किल, मालूम नहीं है कहाँ मंज़िल
Writer(s): Jaikshan Shankar Lyrics powered by www.musixmatch.com
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